इमाम बख़्श नासिख़ टैग : get more info फ़ेमस शायरी शेयर कीजिए
ये दुनिया है साहेब यहाँ लोग, गले मिलकर पीठ पर छुरा भोकते है!
"कभी इत्मीनान से बताएंगे जज़्बात अपने, आज आप थोड़े जल्दी में लगते है।"
तेरे प्यार की खुशबू भी अजीब है, तुझ में रहकर मुझसे तेरी बातें करती है।
"काफी गहरे है उनके ज़ख्म, उनकी हसीं से पता चलता है।"
प्रेम के मायने में ये भ्रम कैसा, तुम मेरे हो तो इसमे शक कैसा?
Koi bhi nahin yahan par apana hotha is duniya ne ye sikhaya hai hamako usaki bevaphayi ka na charcha karana aaj dil ne ye samajhaya hai hamako.
बड़े दिनों बाद जीने का मकसद समझ में आया तुझसे मिलने के बाद।
उसने भी हँसकर जवाब दिया, और कौन है तेरे साथ!
तू जब भी याद आए, तो तेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा याद आए, इतनी सी कोशिश आस है मेरी।
"उनसे क्या मतलब रखना, जो हर बात पर अपना मतलब देखते है।"
बहुत कुछ कहने को है पर अब ना जाने क्यों,
तेरे इश्क़ में तो दुनिया जीत लू, तू अगर एक बार मांग के देख ले अगर।
जोकर है ये दुनिया जो हुस्न की दीवानी है, आशिक बनना है तो हुनर का बनो।